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Showing posts from September, 2021

गायत्री परिवार जिला संस्था मधुबनी को शक्ति प्रदान करने हेतु 24 घंटे का अखण्ड जप

बड़े हर्ष की बात है कि रविवार दि०२६सितम्बर २०२१ को डुबरबोना ग्राम के युवा प्रकोष्ठ के परिजनो द्वारा आयोजित २४घंटो के अखंड सामूहिक गायत्री मंत्र जप अनुष्ठान में भाग लेने का सौभाग्य मिला। इसके लिए डुबरबोना के परिजनो को बहुत-बहुत धन्यवाद बहुत-बहुत साधुवाद 🙏 साथ ही जिले के सभी कर्मठ साधक परिजन भाई बहनो ने अपना अहम योगदान दिया । इस दैवीय कार्यक्रम में भाग लेने का पुण्य लाभ प्राप्त हुआ गुरूसत्ता के विचारों को जन जन तक पहुंचाने का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ। उपरोक्त कार्यक्रम का आरंभ गायत्री शक्तिपीठ लहेरियागंज मधुबनी के परिव्राजक मुख्य आचार्य श्री सुबोध शास्त्री ने प्रातः 07:00 बजे संकल्प देकर किया। इस कार्यक्रम में जिला समन्यवक आदरणीय श्री संपत कुमार कलंत्री सहित मधुबनी,जयनगर,खुटौना,लदनिया,बेन्निपट्टी,अंधराठाढी,झंझारपुर एवं जिला के कई परिजनों ने अपना अहम योगदान दिया। वही शक्तिपीठ परिव्राजक ने कहा की अखण्ड जप के माध्यम से जिला गायत्री परिवार के संगठन को शक्ति प्रदान होगा। कोरोना काल में हम सब की मिशन के संगठन में थोड़ी कमी आ गई थी,जिसको बरकरार करने के लिए हम सब यह कार्यक्रम जिले के लगभग स...

Hartalika Vrat Puja Vidhi: हरतालिका व्रत पूजा विधि- गायत्री परिवार मधुबनी

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इस व्रत के लिये नदी किनारे की रेत से भगवान शंकर व माता पार्वती के रूप बनाये जाते हैं। इसके बाद फूलों का मंडप सजाया जाता है। भूखे-प्यासे रहकर यह उपवास रखना होता है जिसका पारण अगले दिन नदी में शिवलिंग सहित अन्य पूजा सामग्री का विसर्जन कर करना होता है। मान्यता है कि विधि विधान से किये गये इस उपवास के प्रताप से अविवाहित कन्याओं को इच्छित वर एवं सुहागिन स्त्रियों को अटल सुहाग का वरदान मिलता है।

जरुरतमंदों को दो जीवन दान चलो चल कर करें हम रक्तदान - सुबोध शास्त्री

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आज गायत्री शक्तिपीठ लहेरियागंज मधुबनी के परिव्राजक आदरणीय श्री सुबोध शास्त्री ने एक जरुरतमंदों को अपना रक्त देकर जान बचाने का महान काम किया है। श्री नारायण साफी राजनगर निवासी पिछले कई दिनों से बीमार चल रहा था। जिसको दो यूनिट ब्लड की अत्यंत आवश्यकता थी उसी की पूर्ति के लिए शास्त्री जी के पास रात के दस बजे मैथमेटिक्स आपरेशन के डायरेक्टर श्री राजु कुमार का फोन आया और शास्त्री जी तैयार हो गये अपना रक्तदान करने के लिए! वही शास्त्री जी ने बताया की जब तीन माह के बाद हम रक्तदान नहीं करते हैं तो हमारे शरीर में खुजली सा होने लगता है, इसलिए हम प्रत्येक तीन महीने के बाद अपना रक्त किसी जरुरतमंदों को देकर पुण्य का लाभ कमाते हैं। वैसे हमारे गायत्री परिवार का लक्ष्य ही है पीड़ा और पतन का निवारण करना । इसी समय शास्त्री जी ने लोगों से अपील भी किया की अगर आप स्वस्थ हैं तो अपना रक्त दान समय से अवश्य करें। जय<मिथिलांचल-जय जय मिथिलांचल